सेमिनार

   जैसे की हम सभी जानते हैं कि इस 21 वी सदी में साइंस, टेक्नोलॉजी, मेडिकल साइंस ने बहुत उन्नति की है। बहुत सारा नॉलेज आज उपलब्ध है, पर इसके साथ-साथ हमें यह भी दिखाई देता है कि इनके साथ कुछ ऐसी भी समस्याएं हमारे जीवन में, व्यवहार में उत्पन्न हुई है जिसका कोई उपाय और समाधान जो साइंटिफिक हो, व्यवहारिक हो और शास्त्रोक्त हो, ऐसा नहीं दिखाई देरहा । परंतु एक सत्य यह भी है कि इस मॉर्डनाइजेशन के पहले के समय में इस प्रकार की कोई समस्या ही नहीं होती थी। तो इसका अर्थ यह हुआ कि उनके पास इससे बचने के उपाय, नॉलेज या एजुकेशन था । वह नॉलेज और एजुकेशन हमें वेदों में दिखाई देता है जिस कारण उस समय व्यक्ति के पास साधन, पद, धन हो या ना हो पर वह यहां नीचे बताए गए प्रश्नों से अछूता ही रहता था। जिस प्रकार आज हम आयुर्वेद की विद्या, योग की विद्या, मेडिटेशन की विद्या के माध्यम से लाभ उठा रहे हैं इसी प्रकार यहां नीचे बताई गई समस्याओं का भी लाभ हम उस विद्या से अपने जीवन में जरूर ले सकते हैं।

  • शीघ्र आर्थिक सफलता विज्ञान (धन के अभाव की समस्या से छूटकर शीघ्रता से धनवान् बनने का वैदिक विज्ञान):-
  • क्या हम आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं?
  • क्या हमें अर्थ प्राप्ति का कोई रास्ता समझ में नहीं आ रहा?
  • क्या हम और हमारा पूरा परिवार आर्थिक संकट के कारण अत्यंत दयनीय स्थिति में हैं?
  • क्या हमें कहीं से भी धन की सहायता नहीं मिल रही?
  • सफलता की फार्मूला (किसी भी कार्य में सफलता यदि नहीं मिल रही तो उस कार्य को सफल करने की वैदिक फार्मूला):-
  • क्या हम सफल है या नहीं?
  • यदि नहीं तो क्यों?
  • क्या किस कार्य को और कैसे करें यह समझ में नहीं आरहा?
  • बार-बार प्रयत्न करने पर भी क्या निष्फल ता ही मिल रही है?
  • संघर्ष कम ही नहीं हो रहा?
  • सफलता ना मिलने से क्या हमें बहुत पीड़ा हो रही है?
  • क्या हम इन सब से छूटने का उपाय ढूंढ रहे हैं?
  • केरियर चॉइस का पैमाना (पढ़ लिखकर,डिग्री प्राप्त करके भी यदि आजीविका नहीं कर पा रहे तो अपने गुण - कर्म - स्वभाव अनुसार केरियर चॉइस की वैदिक फार्मूला):-
  • क्या हम बेरोजगार हैं?
  • रोजगार ढूंढ रहे हैं?
  • क्या हम आजीविका को लेकर संघर्ष की स्थिति में है?
  • क्या हम बाहर के ट्रेंड के अनुसार रोजगार के पीछे भाग रहे हैं?
  • क्या हमें कौन सा कार्य करके आजीविका करें यह समझ में नहीं आ रहा?
  • और जो भी कार्य कर रहे हैं क्या उस से संतोष या शांति नहीं मिल रही?
  • बातचीत की फार्मूला (अपनी बात को टु धी पॉइंट,सुंदर रीति से,तात्पर्य पूर्वक प्रस्तुत करना और दूसरे बोलने में जो गड़-बड़ करते हैं,वह क्या है? कहां है? कितने प्रकार की है? कैसे करते हैं? उसे पकड़ना और उस से बचने के वैदिक सिद्धांत):-
  • क्या हम अपनी बात ठीक से बोल या दूसरों को समझा नहीं पाते?
  • क्या हमे विशेष लोगों से बातचीत करने में या मंच आदि पर बोलने से डर लगता है?
  • कई बार सामने वाले बात-चीत में हमें ठग रहे हो ऐसा अनुभव होता है?
  • बातचीत में सामने वाला बात को इधर-उधर कर देता हो और पकड़ में ना आए ऐसा होता है?
  • बुद्धि की कार्यक्षमता बढ़ाने की फार्मूला (बौद्धिक कमजोरी को दूर करके बौद्धिक कुशलता को प्राप्त करने की वैदिक फार्मूला):-
  • क्या हमारी याददाश्त कमजोर है ऐसा हमें लगता है?
  • क्या हम चाहे उस विषय पर ठीक-ठीक विचार नहीं कर पा रहे?
  • क्या हमें जरूरी कार्यों में निर्णय लेने में समस्या होती है?
  • क्या हम किसी भी कार्य को चाह कर भी शीघ्रता से समझ या सीख नहीं पा रहे?
  • क्या हम चाह कर भी जरूरी बातों को व्यवहार में नहीं ला पाते?
  • तनाव से मुक्ति के उपाय (धन, आपसीसंबंध, काम-काज, बीमारी आदि के कारण उत्पन्न तनाव से मुक्ति का वैदिक विज्ञान):-
  • क्या हम किसी कारण से भयभीत हैं?
  • क्या हम किसी कारण से चिंतित हैं?
  • क्या हम किसी कारण से शोक में डूबे हुए हैं?
  • क्या हम बेचैनी का अनुभव कर रहे हैं?
  • आलस्य प्रमाद से छुटकारा (हमारे रोज-बरोज के कार्यों में बाधक,उन्नति के शत्रु रूपी आलस्य-प्रमाद आदि से मुक्ति का वैदिक विज्ञान):-
  • क्या हमें किसी भी कार्य को करने की इच्छा नहीं होती? उसे हम टालते ही रहते हैं? बहाने ही बनाते रहते हैं?
  • क्या हमें सोचने विचारने की भी इच्छा नहीं होती?
  • क्या चाह कर भी हम मेहनत पुरुषार्थ नहीं कर पा रहे? उसे करनेमें कष्ट हो रहा है?
  • सोशल मीडिया एडिक्शन से छुटकारा (व्हाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंकडइन, टि्वटर आदि सोशल मीडिया और गूगल आदि की लत के कारण अपने समय, शक्ति, बुद्धि और अवसरों को नष्ट करने वाली प्रवृत्तियों से छुटकारा):-
  • क्या बिना मोबाइल हम बेचैन हो जाते हैं?
  • क्या व्हाट्सएप आदि पर लाइक मिलने ना मिलने पर हम क्रोधी, दु:खी और खिन्न हो जाते हैं?
  • क्या हम बाहर के कामों की अपेक्षा सोशल मीडिया आदि मैं ज्यादा रुचि लेते हैं?
  • क्या हम मोबाइल का व्यर्थ की बातों के लिए प्रयोग करते हैं, जैसे गेम खेलना, इधर-उधर के वीडियो आदि देखना?
  • स्वभाव सुधार और प्रभावशाली व्यक्तित्व का विकास (यदि हमारे स्वभाव की दूसरे तो निंदा करते ही हैं और हम भी अपने स्वभाव से पीड़ित है तो उसे सुधार कर प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाने के वैदिक ऊपाय):-
  • क्या हम दूसरों से बात-बात पर लड़ते और झगड़ते ही रहते हैं?
  • क्या हम मुंह से कड़वी बात ही बोलते हैं?
  • क्या लोग हमसे दूर रहना, हमें टालना पसंद करते हैं?
  • क्या हम सामान्य व्यवहार में भी असहजता का अनुभव करते हैं?
  • क्या हम लोगों का मन जीत कर उनसे सहायता प्राप्त करना चाहते हैं?
  • क्या हम अपना प्रभावशाली व्यक्तित्व निर्माण करना चाहते हैं?
  • संतान निर्माण की विधि (बिगड़ी हुई संतान को सुधारने का और उसे उत्तम बनाने का वैदिक उपाय):-
  • क्या बच्चे मोबाइल फोन छोड़ते ही नहीं है?
  • क्या बच्चे पढ़ने-लिखने कुछ नया सीखने में में रुचि नहीं ले रहे?
  • क्या बच्चे का स्वभाव जिद्दी, हठी, क्रोधी और चिड़चिड़ा आदि है?
  • क्या बच्चे हमसे झूठ बोलते हैं?
  • क्या हम बच्चे को स्वस्थ,बल वाला,बुद्धिमान,समझदार और लीडर बनाना चाहते हैं?
  • पारिवारिक शांति के सिद्धांत (परिवार में हो रही आपसी कड़वाहट को दूर करके मधुर संबंध बनाने के वैदिक उपाय):-
  • क्या आपस में हम एक दूसरे से चीड़ते हैं? कड़वा ही बोलते हैं?
  • क्या सामने वाला सदस्यअपना काम ठीक से ना करके हम पर थोप रहा है? हमें दबा रहा है?
  • क्या सामने वाला केवल अपना फायदा ही देख रहा है?
  • क्या हम अलग भी नहीं हो सकते और ऐसी स्थिति में साथ भी नहीं रह सकते ऐसी उलझन से निकलना चाहते हैं?
  • योग्य जीवनसाथी की पसंदगी का पैमाना अपने लिए सही जीवनसाथी और परिवार के लिए सही बहू या दामाद को चुनने के वैदिक नियम:-
  • अपने लिए सही जीवनसाथी कौन है क्या यह हम निर्णय नहीं कर पा रहे?
  • क्या जो साथी हमें पसंद है वह हमारे लिए सही ही है ऐसा हमें लगता है?
  • क्या मंत्र-तंत्र,व्रत और ग्रह-नक्षत्र सब उपाय करने पर सही जीवन साथी मिल ही जाता है?
  • अपने परिवार में आने वाला सदस्य हमारे अनुकूल होगा या नहीं या कहीं हमारी हानि तो नहीं करेगा यह दुविधा सता रही है?
  • भ्रानती निवारण (मंत्र-तंत्र,भूत-प्रेत-पितर, मुहूर्त, ग्रह-नक्षत्र और जन्मकुंडली संबंधित पीड़ादायक गलत मानसिकताओं से पूर्ण छुटकारा):-
  • क्या ग्रह-नक्षत्र, भूत-प्रेत आदि हमें सता रहे हैं? उनसे से डर लगता है?
  • क्या व्रत, जप, तप और मुहूर्त आदि सब उपाय करने पर भी काम नहीं बन रहा? दुख नहीं छूट रहा? सुख नहीं मिल रहा?
  • राज्किय राजनेता (लीडर) का निर्माण (कायरता, स्वार्थ, पक्षपात, हिंसा आदि से छूटकर, पराक्रमी, न्यायकारी, सहनशील, निर्बलो के रक्षक-सेवक, व्यवहार कुशल एवं नेतृत्व करने में सक्षम राष्ट्र उपयोगी राजनेता (क्षत्रीयत्व) के निर्माण की वैदिक विधि) :-
  • क्या आपको पता है कि आप राजनीति में भी अपना कैरियर बना सकते हैं?
  • क्या आप राजनीतिक महत्वकांक्षा के साथ-साथ उसे पूरा करने की योग्यता को भी रखते हैं?
  • क्या आप राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हुए भी आगे नहीं बढ़ पा रहे?
  • गीता उदय कथा (अर्जुन के समान निराशा,हताशा किं कर्तव्य मूढ़ता जैसी परिस्थितियों में से निकल कर ऊर्जा पूर्वक कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ाने वाले गीता के सिद्धांतों का आज की उपयोगी के दृष्टिकोण से ज्ञान):-
  • क्या आप अपने कर्तव्य को ठीक-ठीक नहीं जान पा रहे? नहीं निभा पा रहे?
  • क्या आप क्या करें-क्या ना करें, क्या ठीक है-क्या गलत है, क्या मुख्य है-क्या गौण हैं ऐसी दुविधा में उलझे हुए हैं?
  • क्या आप आत्मविश्वास की कमी अनुभव कर रहे हैं?
  • क्या आप जो सही ही है इसे करने के लिए जी जान लगाना चाहते हैं?
  • क्या आप स्वयं ही दूसरों के लिए आदर्श बनना चाहते हैं?
  • पोर्न एडिक्शन से छुटकारा (पोर्न की भयंकर लत से नष्ट हो रहे अपने मन और जीवन को बचाकर ऐसी आदतों से छुटकारा पाकर अपने मन और जीवन को श्रेष्ठ और सफल करने के वैदिक सिद्धांत):-
  • एकांत पाकर क्या हम अपने आपको पोर्न देखने से रोक नहीं पाते?
  • चलते फिरते मन में पोर्न के ही विचार चलते रहते हैं?
  • पोर्न की लत के कारण हम दूसरों के सामने लघुता ग्रंथी से पीड़ित रहते हैं? डर लगता रहता है? झूठ बोलने पड़ते हैं?
  • क्या चाह कर भी हम इससे दूर नहीं हो पा रहे?